Top Shiv chaisa Secrets
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
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अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
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कभी-कभी shiv chalisa lyricsl भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक shiv chalisa lyricsl कहानी
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥